कास्टिंग (Casting) एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसके द्वारा वस्तुओं का निर्माण किया जाता है। कास्टिंग प्रक्रिया को अच्छी तरह समझना इंजीनियरिंग में बहुत जरूरी है।
इस आर्टिकल में हम कास्टिंग किसे कहते हैं, कास्टिंग की परिभाषा, कास्टिंग के लाभ, कास्टिंग के उपयोग, कास्टिंग करने के स्टेप्स (चरण) आदि कई जानकारी को बेहतरीन ढंग से जानेंगे।
कास्टिंग की परिभाषा (Casting Definition)
कास्टिंग वह प्रक्रिया है जिसमें पिघली धातु या मिश्र धातु को आवश्यक वस्तु के सांचे (Mould) में भरते हैं और फिर जम जाने पर उस धातु या मिश्र-धातु की आवश्यक आकृति की वस्तु प्राप्त कर लेते है। इस प्रक्रिया को कास्टिंग कहते है। यह कास्टिंग की परिभाषा (Casting Definition) भी है।
- कास्टिंग को हिंदी में ढलाई भी कहा जाता है।

कास्टिंग के लाभ (Casting Process Benefits)
वस्तुओं को बनाने की अन्य प्रक्रियाओं जैसे फोर्जिंग (forging), स्टैम्पिंग (stamping) तथा वेल्डिंग आदि की तुलना में ढलाई के लाभ या फायदे निम्न प्रकार है-
- कास्टिंग द्वारा छोटे से लेकर बड़े साइज के मशीन पार्ट का निर्माण आसानी से किया जा सकता है।
- कास्टिंग से जटिल आकृति की वस्तुओं का निर्माण करने में अपेक्षाकृत कम लागत आती है।
- कास्टिंग से बनाई गई वस्तुएं एक ही खण्ड (One-piece) में मिलती है। इसलिए इन्हें धातु जोड़ने के कार्य (Metal joining processes) से जोड़ने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
- कास्टिंग प्रक्रिया से बनी वस्तु एक ही खण्ड में होती है इसलिए यह कई बार जोड़ी गई वस्तु से अधिक मजबूत होती है।
- कास्टिंग से बनाई गई वस्तुओं में कम्पन (Vibration) सोखने की क्षमता अधिक होती है।
- कास्ट आयरन जैसी धातुओं से कास्टिंग प्रक्रिया द्वारा आसानी से वस्तुएं बनाई जा सकती है।
- बड़े स्तर पर वस्तुओं को बनाने के लिए ढलाई प्रक्रिया आसान रहती है।
कास्टिंग करने के लिए इस्तेमाल करने वाली धातुएं और मिश्र धातुएं (Metals and Alloys used for Casting)
कास्टिंग प्रक्रिया में मुख्य रूप से कुछ धातुओं एवं मिश्र धातुओं को पिघलाकर साँचे (मोल्ड) में डाला जाता है। फिर यह धातुएं ठंडी होकर निश्चित आकार में ढल (Cast) हो जाती है। यह धातुएं निम्न है-
लौह धातुएं (Ferrous Metals)
- 1.) कास्ट आयरन (Cast Iron): भूरा ढलवाँ लोहा (Grey Cast Iron), सफेद कास्ट आयरन (White Cast Iron), आघातवर्धनीय ढलवाँ लोहा (Malleable Cast Iron), तन्य कास्ट आयरन (Ductile Cast Iron) तथा नॉड्यूलर ढलवाँ लोहा (Nodular Cast Iron) का प्रयोग कास्टिंग के लिए लौह धातु के रूप में किया जाता है।
- 2.) इस्पात (Steel): साधारण कार्बन स्टील (Plain Carbon Steel), स्टेनलेस स्टील (Stainless Steel), उच्च तथा निम्न मिश्र धातु स्टील (High and Low Alloy Steel) आदि का प्रयोग कास्टिंग के लिए किया जाता है।
अलौह धातुएं (Non-Ferrous Metals)
- पीतल (Brass), ताँबे (Copper) तथा उन की अन्य मिश्र धातुयें, एल्युमीनियम, मैग्नीशियम, जिंक, निकिल, सीसा (lead) टिन की मिश्र धातुओं का प्रयोग भी कास्टिंग के लिए किया जाता है।
यह भी जानें-
कास्टिंग के उपयोग (Casting Process Applications)
कास्टिंग एक अधिक उपयोग की जाने वाली निर्माण प्रक्रिया है। इसका उपयोग विभिन्न उद्योगों में मशीन के पार्ट्स को बनाने में किया जाता है। अलग-अलग उद्योगों में कास्टिंग का प्रयोग करके कई प्रकार के पार्ट्स बनाये जाते है। जो निम्न प्रकार है-
ऑटोमोबाइल उद्योग (Automobile Industry)
- इंजन ब्लॉक (Engine Block)
- सिलेंडर हेड (Cylinder Head)
- क्रैंकशाफ्ट (Crankshaft)
- ब्रेक ड्रम और डिस्क (Brake Drums & Discs)
- ट्रांसमिशन केसिंग (Transmission Casing)
एयरोस्पेस पार्ट्स (Aerospace Parts)
- टरबाइन ब्लेड (Turbine Blades)
- वायुयान, जेट इंजन के ब्लेड (Airplane, Jet Engine Blades)
- एयरक्राफ्ट इंजन पार्ट्स (Aircraft Engine Components)
- उतारने वाले गियर कंपोनेंट्स (Landing Gear Components)
रेलवे उद्योग (Railway Industry)
- रेल पहिए और धुरा (Rail Wheels & Axles)
- ब्रेक सिस्टम (Brake System Components)
- लोकोमोटिव फ्रेम (Locomotive Frame)
भवन निर्माण और अवसंरचना (Construction & Infrastructure)
- जल आपूर्ति पाइप (Water Supply Pipes)
- पुलों के समर्थन के लिए पुर्जे (Bridge Supports)
- कंक्रीट फॉर्मवर्क के लिए (Concrete Molds)
मशीनरी और औद्योगिक उपकरण (Machinery & Industrial Equipment)
- मशीनों के आधार, तथा ढाँचे (Machines Beds and Structures)
- पंप और वाल्व बॉडी (Pump and Valve Bodies)
- गियर और बियरिंग्स (Gears and Bearings)
- प्रेस मशीन पार्ट्स (Press Machine Parts)
कृषि उपकरण (Agricultural Equipment)
- ट्रैक्टर पार्ट्स (Tractor Parts)
- पम्पों के इंपैलर, वाल्व तथा फिल्टर (Pumps Impellers, valves, filters)
- हल और जोतने वाले उपकरण (Plows & Tillage Equipment)
- इंजन पार्ट्स (Engine Components)
विद्युत और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग (Electrical and Electronics Industry)
- इलेक्ट्रिक मोटर हाउसिंग (Electric Motor Housings)
- ट्रांसफार्मर कोर (Transformer Cores)
- हीट सिंक (Heat Sinks for Cooling)
घरेलू उपयोग (Household Applications)
- कुकिंग बर्तन (Cast Iron Cookware’s)
- सजावटी वस्तुएँ (Decorative Items)
- स्टोव बॉडी (Stove Bodies)
समुद्री और नौवहन (Marine & Shipbuilding)
- प्रोपेलर ब्लेड (Propeller Blades)
- जहाज के इंजन पार्ट्स (Ship Engine Components)
- एंकर और हुक्स (Anchors & Hooks)
चिकित्सा उपकरण (Medical Equipment)
- सर्जिकल उपकरण (Surgical Tools)
- कृत्रिम अंग (Prosthetic Implants)
सेनेटरी फिटिंग्स
- टी, एल्बो, वाल्व (Tee, Elbow, Valve)
- टोटी, पाइप (Tap, Pipe)

कास्टिंग प्रक्रिया पूरी करने के चरण (Different Steps of Casting Process)
किसी भी वस्तु की ढलाई (Casting) अच्छी तरह से पूरी करने के लिए कुछ कार्यो को क्रमानुसार (Step by Step) करना पड़ता है। सबसे पहले जैसी वस्तु कास्ट करनी है उसकी मापों के अनुसार पैटर्न बनाया जाता है। इस पैटर्न में वस्तु के अनुसार सभी प्रकार की छूट (Allowances) दी जाती है। इसके बाद पैटर्न (Pattern) की सहायता से वस्तु का साँचा (Mould) तैयार किया जाता है। अब इस मोल्ड या साँचे में पिघली धातु भर देते है। अब साँचे (Mould) में पिघली धातु को ठंडा होने के लिए कुछ समय तक छोड़ दिया जाता है। ठंडा होने के बाद साँचे (Mould) से आवश्यक वस्तु निकाल लेते है।
प्राप्त वस्तु को साफ़ करने के बाद इसका परीक्षण तथा जाँच की जाती है। कोई दोष मिलने पर उसको ठीक किया जाता है। इसके बाद ढली वस्तु का ऊष्मा उपचार (Heat Treatment) करके आंतरिक प्रतिबल (Internal Stress) तथा अन्य दोष दूर किये जाते है। इस प्रकार पूरी ढलाई प्रक्रिया को निम्न चरणों (Steps) में बाँटा जा सकता है-
- पैटर्न बनाना (Pattern Making)
- मोल्ड बनाना (Mould Making)
- धातु को गलाकर मोल्ड में डालना (Melting the Metal and Pouring)
- ढलाई (Casting) को निकालना और उसकी सफाई करना (Removing and Cleaning Casting)
- कास्टिंग का परिक्षण तथा जाँच करना (Testing and Inspection of Casting)
- कास्टिंग के दोषों को दूर करना (Remove Casting Defects)
- कास्टिंग का ऊष्मा उपचार करना (Heat Treatment of Casting)
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