इंजीनियरिंग ड्राइंग में रेखाएं और उनको खींचने के प्रकार महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। रेखा खींचने का तरीका और रेखा का प्रकार ही इंजीनियरिंग ड्राइंग को समझाता है। यदि हम एक ही स्थान पर अन्य रेखा का इस्तेमाल कर लेते है तो उस ड्राइंग के हिस्से का अर्थ बदल जाता है। इसलिए ड्राइंग में रेखा के प्रकार और अर्थ को अच्छी तरीके से समझ लेना चाहिए।
इंजीनियरिंग ड्राइंग में रेखाएं और उनके प्रकार (Types of Line in Engineering Drawing)
इंजीनियरिंग ड्राइंग कई प्रकार की रेखाएं के उपयोग से बनाई जाती है। इंजीनियरिंग ड्राइंग को समझने के रेखाओं को समझना बहुत जरूरी होता है। रेखाओं के अर्थ और उनके उपयोग को समझने के लिए विद्यार्थी को भारतीय मानक संस्थान (I.S.I.) अथवा B.I.S के द्वारा रेखाओं के प्रकार, मोटाई, और उनके अर्थ को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए।
नीचे टेबल में रेखाएं, उनकी मोटाई, प्रकार, उपयोग को बेहतरीन ढंग से समझाया गया है।
S. No. | इंजीनियरिंग ड्राइंग में रेखा के नाम English | इंजीनियरिंग ड्राइंग में रेखा के नाम Hindi |
---|---|---|
1. | Object lines or Outlines | वस्तु या रूप रेखा |
2. | Thin lines | पतली रेखा |
3. | Dotted or Hidden lines | खंडित या अदृश्य रेखाएं |
4. | Centre or Locus lines | केंद्र या पथ रेखाएं |
5. | Cutting Plane or Section Plane lines | काट समतल तथा परिच्छेद तल रेखा |
6. | Short Break Lines | लघु अवरोध रेखा |
7. | Long Break Line | दीर्घ अवरोध रेखा |
8. | Ditto Line | तदैव रेखाएँ |
9. | Hatching or Section Lines | परिच्छेद रेखाएँ |
इंजीनियरिंग ड्राइंग में रेखा के प्रकार (Types of Line in Engineering Drawing)
इंजीनियरिंग ड्राइंग में कुल 9 प्रकार की रेखा देखने को मिलती है। सभी रेखाओं की मोटाई और बनाने का तरीका अलग-अलग होता है। नीचे लेख में सभी रेखाओं को बेहतरीन तरीके से चित्र की सहायता से समझाया गया है। इसके साथ ही किसी ड्राइंग में कैसे और किस स्थान पर रेखा को बनाते है इसे भी बताया गया है।
वस्तु के लिए रेखा या रूप रेखाएं (Object Lines or Outlines)
ऊपर चित्र में रूप रेखा (Outlines) दिखाई गई है। इंजीनियरिंग ड्राइंग में अधिकतम इसी रेखा का उपयोग किया जाता है। इन रेखाओं को मोटी तथा संतत (Thick and Continuous) बनाया जाता है।
इनका उपयोग सीमा रेखाओं (Outlines) को खींचने में तथा वस्तु की दिखने वाली कोरो (Visible edges) के लिए लिया जाता है। रूप रेखा की मोटाई 1 m.m. रखी जाती है।
पतली रेखा (Thin Lines)
ऊपर चित्र में पतली रेखा (Thin lines) दिखाई गई है। यह रेखा अपने नाम के अनुसार पतली तथा हल्की (Thin and Light) बनाई जाती है। इनका उपयोग विमा रेखाओं, प्रसार रेखाओं, काटे गए भाग की हैचिंग रेखाओं, प्रक्षेप रेखाओं, रचनात्मक रेखाओं को दिखाने में किया जाता है।
खण्डित और अदृश्य रेखाएं (Dotted or Hidden lines)
खण्डित रेखाएं (Dotted lines) मध्यम मोटाई के 2-3 मिमी लंबे रेखा खण्ड (Dash) की सहायता से बनाई जाती है। इन रेखाखण्डों की दूरी समान रहती है। इन रेखाओं का उपयोग वस्तु के छिपे हुए भाग या रेखाओं को दर्शाने के लिए किया जाता है।
केन्द्र रेखाएं या पथ रेखाएं (Centre lines or Locus lines)
केंद्र रेखाएं छोटे तथा बड़े रेखा खण्ड की सहायता से खींची जाती है। इनकी मोटाई पतली होती है। केंद्रक रेखाओं का बड़ा रेखा-खण्ड 35 से 55 मिमी तथा छोटा रेखा-खण्ड 1.5 से 3 मिमी लंबाई का होता है। बड़े रेखा खण्ड तथा छोटे रेखा खण्ड के बीच 1.5 मिमी लंबाई की समान दूरी रखनी चाहिए।
केन्द्र रेखाएं या पथ रेखाओं (Centre lines or locus lines) का उपयोग ठोस आकृतियों के अक्ष तथा बिंदु पद की रेखाओं को दिखाया जाता है।
काट समतल तथा परिच्छेद तल रेखा (Cutting Plane or Section Plane Lines)
काट समतल रेखाओं द्वारा किसी वस्तु को काटने समतल की स्थिति को प्रदर्शित किया जाता है। इसे केंद्र रेखा की तरह भी प्रस्तुत किया जा सकता है इसके लिए इसके दोनों सिरे मोटे बनाए जाते है।
लघु अवरोध रेखा (Short Break Lines)
यह रेखाएं मुक्त हस्त (Free Hand Writing) द्वारा बनाई जाती है। ये रेखाएं पतली तथा लगातार खींची जाती है और इन्हें थोड़ा टेढ़ा-मेढा खींचा जाता है।
इन रेखाओं का उपयोग टूटी हुई वस्तु के हिस्से को रेखाचित्र ने दर्शाया जाता है।
दीर्घ अवरोध रेखा (Long Break Line)
इस रेखाओं को चित्र के अनुसार पतली तथा बीच-बीच में स्वतंत्र हाथ से जिग-जैग बनाते है। किसी वस्तु के अधिक दूरी पर टूटे हुए भाग को इस रेखा का प्रयोग करके दिखाया जाता है।
Important Engineering Topics
तदैव रेखाएँ (Ditto Line)
इन रेखाओं को मध्यम तथा दो रेखा खण्डों (2-Dashes Lines) के जोड़े के द्वारा दूर दूर दिखाया जाता है। हर रेखा-खण्ड 3 मिमी लम्बाई का होता है। प्रत्येक जोड़े के रेखाखण्डों के बीच की दूरी 1.5 मिमी रखी जाती है। दूसरे जोड़े का रेखाखण्ड 10 से 15 मिमी की दूरी पर बनाया जाता है। इन रेखाओं का उपयोग ड्राइंग में बार बार दोहराए जाने वाले भाग को दिखाने के लिए किया जाता है।
परिच्छेद रेखाएँ (Hatching or Section Lines)
परिच्छेद रेखाएँ काटे गये भाग के अन्दर बारीक तथा लगातार होती है। जो आपस में लगभग 2 मिमी० की समान दूरी पर सही क्षैतिज से 45° पर हल्की (Light) खीची जाती है। ये रेखाएं वस्तु को काटने के बाद स्क्रैच (Scratches) को दिखाती है।
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FAQ (Frequently Asked Questions)
इंजीनियरिंग ड्राइंग में दो लंबवत रेखाओं के बीच का कोण क्या है?
इंजीनियरिंग ड्राइंग में दो लंबवत रेखाओं के बीच 90° होता है। दो लंबवत रेखाओं के बीच 90 डिग्री न केवल इंजीनियरिंग ड्राइंग में बल्कि हर प्रत्येक जगह जैसे गणित या विज्ञान या अन्य सभी विषयों में दो रेखाओं के बीच का कोण 90 डिग्री होता है।
इंजीनियरिंग ड्राइंग में कितने प्रकार की रेखा होती है?
इंजीनियरिंग ड्राइंग में कुल नौ प्रकार की रेखाएं देखने को मिलती हैं। इन रेखाओं के नाम रूपरेखा, पतली रेखा, खंडित रेखा, केंद्र रेखा, कार्ड समतल रेखा, लघु अवरोध रेखा, परिच्छेद रेखा, तदैव रेखा आदि देखने को मिलती है। प्रत्येक रेखा का इस्तेमाल अलग-अलग होता है जिसको ऊपर बताया गया है।
इंजीनियरिंग ड्राइंग में रेखाएं क्या हैं? ड्राइंग में रेखाओं का उपयोग क्यों किया जाता है?
इंजीनियरिंग ड्राइंग में कई सारे बिंदु को एक सीधा रेखा में मिलाने से बनी आकृति को रेखा कहते है।
केंद्र रेखा कैसी दिखती है?
केंद्र रेखाएं छोटे तथा बड़े रेखा-खण्ड की मदद से मिलाकर बनाई जाती है। केंद्रक रेखा का बड़ा रेखा-खण्ड 35 से 55 मिमी लंबाई का तथा छोटा रेखा-खण्ड 1.5 से 3 मिमी लंबाई का होता है। बड़े रेखा खण्ड तथा छोटे रेखा खण्ड के बीच समान दूरी रखनी चाहिए। केन्द्र रेखाएं (Centre lines) का उपयोग ठोस आकृतियों के अक्ष को दिखाया जाता है।
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