पायसन अनुपात (Poisson’s Ratio) : परिभाषा, सूत्र, मात्रक, विमा, नियम चित्र सहित समझे

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पायसन अनुपात प्रतिबल तथा विकृति पाठ का महत्त्वपूर्ण टॉपिक है। पायसन अनुपात की परिभाषा, सूत्र, मात्रक, विमा से कई सारे सवाल पूछे जाते है। पायसन अनुपात को प्वासों या प्वाइजन अनुपात भी कहा जाता है। अंग्रेजी में पायसन अनुपात को Poisson’s Ratio कहते है।

जब किसी वस्तु पर बराबर तथा विपरीत बल एक निश्चित दिशा में लगाया जाता है तो वस्तु का आकार उस दिशा में बढ़ जाता है। उस दिशा में आकार बढ़ने के साथ उसकी लंबवत दिशा में वस्तु की माप कम हो जाती है।

बल की दिशा में विकृति को अनुदैर्ध्य विकृति (Longitudinal Strain) कहते है जबकि बल की लंबवत दिशा में उत्पन्न विकृति को पार्श्विक विकृति (Lateral Strain) कहते है।

पायसन अनुपात की परिभाषा – Poisson Ratio Definition

किसी वस्तु के लिए पार्श्व विकृति (Lateral Strain) और लंबाई में विकृति के अनुपात को पायसन अनुपात (Poisson’s Ratio) कहते है। यही पायसन अनुपात की परिभाषा भी है।

पायसन अनुपात वस्तु के पदार्थ पर निर्भर करता है। प्रत्येक पदार्थ के लिए पायसन अनुपात का मान भिन्न-भिन्न होता है। पायसन अनुपात को μ से प्रदर्शित करते है।

नोट- सैद्धान्तिक रूप से पायसन अनुपात का मान -1 से 0.5 तक होता है। अधिकतर पदार्थों के लिए पायसन अनुपात का मान 0.25 से 0.35 के बीच होता है।

पायसन अनुपात का मात्रक= पायसन अनुपात का कोई मात्रक नहीं होता है।
पायसन अनुपात की विमा= पायसन अनुपात की कोई विमा नही होती है।

पायसन अनुपात का सूत्र – Poisson Ratio Formula

पार्श्व विकृति तथा अनुदैर्ध्य विकृति के अनुपात को पायसन अनुपात कहते है। यही पायसन अनुपात का सूत्र भी है। पायसन अनुपात का फार्मूला नीचे दिया गया है-

पायसन अनुपात = पार्श्व विकृति / अनुदैर्ध्य विकृति

$$\frac{Lateral\;Strain}{Longitudinal\;Strain}=Poisson’s\;Ratio$$

पायसन अनुपात का नियम

जब किसी तार के टुकड़े को अक्षीय बल लगाकर खींचा जाता है तो तार की लम्बाई बढ़ती है तथा उसके व्यास में कमी आती है। यदि अक्षीय बल (Axial Force) लगाकर तार की लम्बाई घटती है तथा उसके व्यास में बढ़ोतरी होती है।

पायसन अनुपात Poisson's Ratio
पायसन अनुपात (Poisson’s Ratio)

माना, किसी तार की लम्बाई l तथा व्यास d है। इस तार पर अक्षीय बल लगाने से तार की लम्बाई में Δl की वृद्धि तथा व्यास में Δd की कमी होती है।

इस स्थिति में,
लम्बाई में विकृति (Longitudinal Strain) = Δl/l
पार्श्व विकृति (Lateral Strain) = Δd/d या Δt/t

क्यूंकि चौड़ाई, व्यास की मापें लम्बाई में परिवर्तन की लम्ब दिशा में है। इसीलिए पार्श्व विकृति लम्बाई में विकृति के समानुपाती होती है।

पार्श्व विकृति ∝ लम्बाई में विकृति
Lateral Strain ∝ Longitudinal Strain

या $$\frac{Lateral\;Strain}{Longitudinal\;Strain}=Poisson’s\;Ratio$$

पायसन अनुपात = पार्श्व विकृति / अनुदैर्ध्य विकृति

पायसन अनुपात को समझने के लिए पार्श्व विकृति अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।

पार्श्व विकृति (Lateral Strain)

अक्षीय बल लगाकर यदि तार की अनुदैर्ध्य विकृति लम्बाई बढ़ाने की है तो बल की दिशा के लंबवत माप (व्यास) कम करने की विकृति उत्पन्न होती है। इस प्रकार बल की दिशा के लंबवत उत्पन्न विकृति को पार्श्व विकृति (Lateral Strain) कहते है।

पार्श्व विकृति की दिशा में कोई बल नहीं लगता है फिर भी इसकी लंबवत दिशा में बल लगाने के कारण माप में परिवर्तन हो जाता है। पार्श्व विकृति की प्रकृति लम्बाई में विकृति के विपरीत होती है। इसलिए तार की लम्बाई बढ़ने पर व्यास कम हो जाता है।

विभिन्न पदार्थों के लिए पायसन अनुपात का मान

नीचे दिए गए टेबल में पदार्थों के पायसन अनुपात का मान दिए गए है। कॉर्क एक ऐसा पदार्थ होता है जिसका पायसन अनुपात 0 होता है। कॉर्क के पॉयजन अनुपात से परीक्षा में कई प्रश्न पूछे जाते है। पायसन अनुपात का मान -1 से 0.5 के बीच होता है।

पदार्थ (Material)पॉयजन अनुपात (Poisson’s Ratio)
रबड़ (Rubber)0.499
कंक्रीट (Concrete)0.1 – 0.2
कॉर्क (Cork)0
स्टील (Steel)0.27 – 0.30
कास्ट आयरन (Cast Iron)0.21–0.26
गोल्ड (Gold)0.42 – 0.44
टंगस्टन (Tungsten)0.27
बर्फ (Ice)0.33
कॉपर (Copper)0.34

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पायसन अनुपात परीक्षा प्रश्न – Poission Ration Question

Question- एक 10 mm व्यास की मृदु इस्पात की छड़ पर 30 kN का अक्षीय तनन बल लगाया गया है। यदि छड़ के पदार्थ के लिए पायसन अनुपात 0.25 हो तो छड़ में उत्पन्न अनुदैर्ध्य विकृति तथा छड़ के व्यास में कमी को ज्ञात करे?

हम जानते है कि-
मृदु इस्पात के लिए यंग मापांक E= 2 × 105 N/mm² होता है।
अक्षीय बल F= 30 kN या 3000 N

छड़ का अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल (A)= (π / 4) × d² mm²
= (π / 4) × 10² mm²
= 78.5 mm²

छड़ में उत्पन्न प्रतिबल (P)= F/A
= 30000/78.5
= 382.16 N/mm²

छड़ में उत्पन्न विकृति (e) = P / E = प्रतिबल / यंग मापांक
= 382.16 / 2 × 105
= 1.91 × 10-3

यदि छड़ के व्यास d में Δd कमी हो रही है तो-

छड़ में उत्पन्न पार्श्व विकृति = $$\frac{\triangle d}d=\;e\times\;\frac1m$$
$$\triangle d=\;e\times\;\frac1m\times d$$
= 1.91 × 10-3 × 0.25 × 10
= 4.77 × 10-3 mm

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Credit- Gear Institute Mechanical Engineering Videos

FAQ (Frequently Asked Questions)

पायसन अनुपात का मान कितना होता है?

ज्यादातर पदार्थो का पायसन अनुपात 0.25 से 0.35 के बीच होता है। लेकिन पायसन अनुपात का मान -1 से 0.5 तक होता है। यह मान ही पायसन अनुपात का सैद्धांतिक मान है। पायसन अनुपात पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करता है। अलग-अलग पदार्थो के लिए पायसन अनुपात अलग-अलग होता है।

किस पदार्थ का पाइसन अनुपात सबसे अधिक होता है?

रबड़ का पाइसन अनुपात सबसे अधिक होता है। रबर का पाइसन अनुपात लगभग 0.499 होता है।

किस पदार्थ का पाइसन अनुपात शून्य होता है?

कॉर्क पदार्थ का पायसन अनुपात 0 होता है। कॉर्क के पॉयजन अनुपात से कई प्रश्न जाते है। अन्य पदार्थो का पायसन अनुपात का मान -1 से 0.5 के बीच होता है।


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