न्यूटन का पहला नियम न्यूटन द्वारा सन्न 1686 में लिखित पुस्तक Principia से लिया गया है। न्यूटन का पहला नियम को जड़त्व का नियम भी कहते है। न्यूटन का पहला नियम भौतिक विज्ञान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इस आर्टिकल में न्यूटन के पहला नियम को परिभाषा, कारण, उदाहरण, उपयोग को बेहतरीन ढंग से चित्र तथा वीडियो के माध्यम से समझाया गया है। आगे न्यूटन लॉ इन हिंदी भाषा में सरलता से बताया गया है।
न्यूटन का पहला नियम | जड़त्व का नियम
यदि कोई वस्तु विराम अवस्था में है तो वह विराम अवस्था में ही रहेगी। यदि कोई समान वेग से सीधी रेखा में चल रही है तो वैसे ही गति करती रहेगी जब तक की कोई वाह्य बल लगाकर उसकी अवस्था में परिवर्तन न किया जाए। इसे न्यूटन का प्रथम नियम कहते है।
यही न्यूटन का पहला नियम की परिभाषा भी है। न्यूटन के पहले नियम को जड़त्व का नियम भी कहते है।
न्यूटन का पहला नियम उदाहरण सहित समझे
न्यूटन के पहले नियम (प्रथम नियम) को दो भागों में समझा जा सकता है-
पहले भाग में यदि कोई वस्तु विराम अवस्था में है तो वह विराम अवस्था में ही रहेगी जब तक उस पर कोई वाह्य बल न लगाया जाए। इसका अर्थ यह है कि मेज पर रखी बोतल मेज पर ही रखी रहेगी जब तक इस पर कोई वाह्य बल लगाकर इसकी स्थिति में परिवर्तन न किया जाए।
दूसरे भाग में इसी प्रकार सड़क पर लुढ़कती गेंद लुढ़कती ही रहेगी ही रहेगी जब तक उस पर कोई वाह्य बल (जैसे सड़क और गेंद के बीच घर्षण बल या अन्य बल) लगाकर उसे रोका न जाए।
जड़त्व (Inertia) | जड़त्व किसे कहते है
वस्तुओं की वह प्रवृत्ति जिसके कारण वस्तु स्वतः अपनी विराम अथवा गति की अवस्था को नहीं बदलती जड़त्व (Inertia) कहते हैं। यही जड़त्व की परिभाषा भी है।
परीक्षा में कई बार जड़त्व का नियम किसने दिया यह प्रश्न पूछा जाता है। वास्तव में जड़त्व का नियम गैलीलियो गैलीली ने दिया था।
जड़त्व का उदाहरण: बर्फ की गेंद बर्फ के तल पर अधिक दूरी तक फिसलती है जबकि वही बर्फ की गेंद सड़क पर कम दूरी तक चलती है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बर्फ की गेंद और बर्फ के तल के बीच घर्षण बल सड़क से कम होता है।
जड़त्व के प्रकार
जड़त्व मुख्य रूप से 2 प्रकार का होता है –
- विराम का जड़त्व
- गति का जड़त्व
विराम का जड़त्व- यदि कोई वस्तु विराम अवस्था में है तो वह सदैव विराम अवस्था में ही रहेगी जब तक कि उसे पर कोई वाह्य बल लगाकर उसकी विराम की अवस्था को परिवर्तन न किया जाए इसे विराम का जड़त्व कहते है।
गति का जड़त्व- यदि कोई वस्तु गति अवस्था में है तो वह सदैव गति अवस्था में ही रहेगी जब तक कि उसे पर कोई वाह्य बल लगाकर उसकी गति की अवस्था को परिवर्तन न किया जाए इसे गति का जड़त्व कहते है।
बल (Force)- इस आधार पर बल (force) वह वाह्य कारक है जिसके कारण किसी वस्तु की विराम अथवा गति की स्थिति में परिवर्तन करता है।
न्यूटन के प्रथम नियम से हमे बल (force) की परिभाषा मिलती है। यह सवाल परीक्षा में कई बार पूछा जाता है।
जड़त्व का द्रव्यमान से संबंध | Relation Between Inertia and Mass
यदि हम 5 किलोग्राम तथा 50 किलोग्राम की वस्तु को खिसकाने का प्रयास करें तो हम देखते हैं कि 50 किलोग्राम के पिंड को खिसकाने के लिए अधिक बल लगाने की आवश्यकता पड़ती है। अतः 50 किलोग्राम का पिंड अपने विराम अवस्था में परिवर्तन होने का अधिक विरोध करता है इससे यह पता चलता है कि-
वस्तु का जड़त्व वस्तु के द्रव्यमान के अनुक्रमानुपाती होता है।
Inertia ∝ Mass
इसका अर्थ है कि वस्तु जितनी अधिक द्रव्यमान की होगी उसको खिसकाने के लिए उतना अधिक बल लगाना पड़ेगा और उसका जड़त्व उतना अधिक होता है।
Inertia ∝ Mass को न्यूटन का पहला नियम सूत्र (formula) के रूप में प्रयोग किया जा सकता है।
न्यूटन का पहला नियम का उदाहरण
रुकी हुई गाड़ी अथवा मोटर साइकिल के अचानक चलने से उसमे बैठे यात्री पीछे की ओर गिर पड़ते हैं।
रुकी हुई गाड़ी के अचानक चलने पर शरीर का निचला हिस्सा जो गाड़ी के संपर्क में रहता है वह गाड़ी के चलने पर तुरंत ही गाड़ी के साथ चल पड़ता है। लेकिन शरीर का ऊपरी भाग जड़त्व के कारण अभी भी वही रुका रहना चाहता है इसलिए वह पीछे रह जाता है इसी कारण रुकी हुई गाड़ी के अचानक चलने पर उसमें बैठे यात्री पीछे की ओर गिर पाते हैं।
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चलती हुई गाड़ी अथवा मोटरसाइकिल या अचानक रुकने पर उसमें बैठे यात्री आगे की ओर झुक जाते हैं।
चलती हुई गाड़ी अथवा मोटरसाइकिल के अचानक रुकने पर यात्री का वह हिस्से जो गाड़ी के संपर्क में होते हैं वह अचानक रुक जाते हैं। जबकि शेष भाग जड़त्व के कारण अभी भी गतिशील रहता है इसी कारण चलते हुए गाड़ी के अचानक रुकने पर बैठे यात्री आगे की ओर झुक जाते हैं।
चलती गाड़ी से उतरने पर आगे की ओर गिरना
चलती गाड़ी से उतरने पर व्यक्ति के पर जमीन को छूते ही विराम अवस्था में आ जाते हैं। लेकिन शरीर का ऊपरी भाग गाड़ी के वेग से चलते रहने का प्रयत्न करता है। अतः वह गाड़ी के चलने की दिशा में ही गिर पड़ता है। इसी कारण इसीलिए चलती गाड़ी से उतरने पर थोड़ी दूर गाड़ी के साथ दौड़ना चाहिए ऐसा करने से यात्री अपनी मांसपेशियों द्वारा बल लगाकर पूरे शरीर को एक साथ रोक लेता है।
गिलास पर रखे गत्ते को अचानक हटाने पर सिक्का गिलास में गिरता है
जब गत्ते को अचानक उंगली से टकराकर हटा देते हैं तो सिक्का बोतल में गिर जाता है। इसका कारण यह है कि शुरू में गिलास और सिक्का दोनों विराम अवस्था में है। उंगली से टकराने पर गत्ते में गति उत्पन्न हो जाती है लेकिन सिक्का जड़त्व के कारण उसी स्थान पर रुका रहता है इस कारण गत्ता आगे बढ़ जाता है और सिक्का गिलास में गिर जाता है।
शीशे में गोली लगने से गोल छेद होना जबकि पत्थर लगने से शीशे का चटकना
गोली की गति बहुत तेज होती है जिससे शीशे का वह भाग जहा गोली लगती है वहा तेज गति पैदा होती है। शीशे का अन्य भाग विरामावस्था में रहता है। जब तक यह भाग गति की स्थिति में आने वाला होता है गोली आर-पार निकल जाती है और शीशे में गोल छेद बना देती है।
शीशे में पत्थर लगने से शीशे का वेग कम होता है जिसके कारण पत्थर के पार निकलने से पहले ही शीशे का अन्य भाग भी वेग ले लेता है और शीशा चिटक जाता है।
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कंबल को डंडे से पीटने पर धूल के कण नीचे गिरना
कंबल को हाथ में पकड़कर डंडे से पीटने पर धूल के कारण जड़त्व के कारण नीचे गिर जाते हैं जबकि कंबल डंडे से पीटने पर गतिमान हो जाता है और आगे बढ़ जाता है इसी कारण कंबल को डंडे से पीटने पर दूर के कारण नीचे गिर जाते हैं।
हथौड़े को हत्थे में कसने के लिए जमीन पर सीधा पटकते है
जब हत्थे में हथौड़े को लगाकर जमीन पर तेजी से सीधा पटकते हैं तो जमीन पर हत्था के लड़ने से हत्था विरामावस्था में आ जाता है लेकिन हथौड़ा जमीन के संपर्क में न होने पर अभी भी गतिशील अवस्था में रहता है और हत्थे में कस जाता है।
रेल के डिब्बे में बैठकर गेंद को चलने पर गेंद हाथ में गिरती है।
इसका कारण भी जड़त्व ही होता है।
लंबी कूद कूदने से पहले खिलाड़ी तेज दौड़ता है
लंबी कूद कूदने से पहले खिलाड़ी तेज दौड़ता है जिससे उसका शरीर गतिशील अवस्था को बनाए रखने में मदद करे। ऐसा करने से कूद लगाने पर खिलाड़ी अधिक दूरी तक कूद पाता है।
पेड़ की टहनियों को हिलाने से फल गिरना
पेड़ की टहनियों को हिलाने से जड़त्व के कारण पेड़ पर लगे फल अपने स्थान पर रहते है जबकि टहनियाँ अपने स्थान से हल जाती है और पेड़ से फल टूटकर गिर जाते है।
रोलर को शुरू से चलाने में, चलते बनाये रखने से अधिक बल लगना
रोलर को शुरू से चलाने में, चलते बनाये रखने से अधिक बल लगाना पड़ता है। इसका मुख्य कारण भी जड़त्व ही है। रोलर चलती अवस्था में रहने पर चलती अवस्था में रहना चाहता है इसलिए इस समय कम बल की आवश्यकता पड़ती है। इसलिए विराम अवस्था से गति में लाने के लिए अधिक बल की आवश्यकता पड़ती है।
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