कास्टिंग में पैटर्न (Pattern) वस्तु के आकार, आकृति का प्रतिरूप होता है। इसकी सहायता से मोल्ड (Mould) बनाकर वस्तु की ढलाई की जाती है। पैटर्न कास्ट करने वाली वस्तु की नाप लेकर बनाया जाता है। पिघली धातु ठोस होने पर कुछ सिकुड़ती इसलिए पैटर्न में आवश्यकता के अनुसार कुछ छूट (Allowances) भी दी जाती है।
पैटर्न किसे कहते है? और इसकी परिभाषा (Pattern and Its Definition in Casting)
कास्टिंग प्रक्रिया द्वारा वस्तु बनाने के लिए, आवश्यक मोल्ड (Mould) बनाने के लिए वस्तु की आकृति के अनुसार बनाए गए प्रतिरूप (Replica) को ही पैटर्न कहते हैं। यही पैटर्न की परिभाषा (Pattern ki paribhasha) है।
पैटर्न किसी वस्तु का ऐसा नमूना होता है जिसकी सहायता से रेत या अन्य किसी पदार्थ में उसका साँचा (Mould) बनाया जाता है। पैटर्न द्वारा सांचा बनाने के लिए रेत या अन्य लिए पदार्थ को पैटर्न के चारों दबाया जाता है। इसके बाद पैटर्न को बाहर निकाल लेने पर पैटर्न के स्थान पर उठा खोखला स्थान प्राप्त होता है जिसे सांचा (Mould) कहते हैं। साँचा बनाने के बाद इसमें पिघली धातु या अन्य पदार्थ डाला जाता है। पदार्थ ऐसा लिया जाता है जो ठंडा होने पर ठोस हो जाए। पिघली धातु के ठंडा होने पर पैटर्न के आकार की वस्तु प्राप्त होती है इस ढली वस्तु को कास्टिंग भी कहते हैं।

अच्छे पैटर्न के 11 विशेषता (11 Qualities of Good Pattern)
- पैटर्न से आवश्यक आकार, आकृति का चिकना साँचा प्राप्त होना चाहिए।
- पैटर्न मजबूत होना चाहिये जिससे साँचा बनाने के लिए कुटाई करते समय यह टूटे या विकृति न हो।
- पैटर्न टिकाऊ (durable) होना चाहिये। और इसका जीवनकाल अधिक होना चाहिए।
- पैटर्न गिरने या हल्की चोट से खराब नहीं होना चाहिये।
- पैटर्न का पदार्थ इस तरह जो कि इसे साँचे में से आसानी से निकल जाना चाहिये।
- पैटर्न की सतह चिकनी होनी चाहिये। जिससे अच्छी फिनिश की वस्तु प्राप्त होती है।
- पैटर्न भार में हल्का होना चाहिये। हल्का होने पर इसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से ले जाया जा सकता है।
- यह वातावरण की नमी आदि से प्रभावित होने वाला नहीं होना चाहिये।
- पैटर्न घिसाईरोधी, जंगरोधी तथा संक्षारणरोधी होना चाहिये।
- पैटर्न कम लागत वाला होना चाहिये। जिससे दोबारा बनाने पर इसमें ज्यादा खर्च न हो।
- पैटर्न आसानी से मरम्मत हो सकने वाला होना चाहिए।
कास्टिंग में पैटर्न के कार्य (Use of Pattern of Casting)
- आवश्यक आकृति, आकार का सांचा (Mould) बनाने के लिए ढलाई में पैटर्न का इस्तेमाल करते है।
- सांचे में पार्टिंग रेखाएं तथा सतह बनाने के लिए पैटर्न का इस्तेमाल होता है। पार्टिंग रेखा की सहायता से मोल्ड को दो हिस्सों में बांटा जा सकता है।
- सांचे में खोखला स्थान बनाने के लिए क्रोड (Core) का इस्तेमाल किया जाता है। क्रोड को बनाने के लिए पैटर्न पर क्रोड प्रिंट (Core Print) नाम से उभार दिए जाते है।
- ढलाई (कास्टिंग) की माप और स्थिति को जानने के लिए पैटर्न पर आवश्यक स्थान पर कुछ बिंदु दिए जाते हैं जो कास्टिंग पर प्राप्त होते हैं। यह कार्य पैटर्न की सहायता से पूरा होता है।
- कुछ विशेष स्थितियों में सांचे में रनर, गेट, राइजर का निर्माण भी पैटर्न द्वारा किया जाता है।
- पैटर्न की सहायता से गीली रेत क्रोड सांचे में ही बनाए जा सकते हैं।
- अच्छे तरह से बने पैटर्न द्वारा ढलाई के दोष भी कम हो जाते हैं।
- अच्छे तरह से बने पैटर्न द्वारा कास्टिंग की कुल लागत में कमी हो जाती है।
Important Engineering Topics

पैटर्न और कास्टिंग में अंतर (Difference Between Pattern and Casting)
पैटर्न (Pattern) | ढलाई (Casting) |
---|---|
पैटर्न की सहायता से वस्तु का साँचा (Mould) बनाया जाता है। इस साँचे में पिघली वस्तु डाली जाती है। | साँचे में पिघली वस्तु के ठंडा होने पर प्राप्त वस्तु को ढलाई (Casting) कहते है। |
पैटर्न ढलाई का एक नमूना (Replica) होता है। | ढलाई आवश्यतानुसार वस्तु की परिष्कृत अवस्था होती है। |
पैटर्न की नाम कास्टिंग के लगभग समान होती है लेकिन इसमें विभिन्न छूट देने के कारण पैटर्न का आकार कास्टिंग से कुछ बड़ा बनाया जाता है। | ढलाई का आकार वस्तु के बराबर होता है। इसमें मशीनिंग करने के लिए कुछ छूट दी जाती है इसलिए कुछ स्थान पर मशीनिंग छूट दी जाती है। |
पैटर्न जरुरत के अनुसार 2-3 खंडो में बनाया जा सकता है। | ढलाई 1 खंड में प्राप्त होती है। |
पैटर्न का पदार्थ ढलाई से भिन्न होता है। | ढलाई तथा तैयार वस्तु का पदार्थ समान होता है। |
ढलाई पर मिलने वाले सभी छेद या खाँचे पैटर्न पर होने आवश्यक नहीं है। | तैयार वस्तु पर मिलने वाले सभी छेद या खाँचे ढलाई पर होने आवश्यक नहीं होते है। |
पैटर्न पर क्रोड प्रिंट बने होते है। | ढलाई पर क्रोड प्रिंट नहीं होते है। |
एक पैटर्न से कई वस्तु बनायी जा सकती है। | एक ढलाई से केवल एक ही वस्तु बन सकती है। |
पैटर्न वस्तु से हल्का होने चाहिए। | ढलाई वस्तु से हल्का हो यह जरुरी नहीं होता है। |
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