प्रतिबल किसी वस्तु पर बल लगाने पर उत्पन्न एक आंतरिक प्रतिरोधी बल है। जब हम किसी पिण्ड पर बल लगाते है तब यदि बल का मान पिण्ड की सहन सीमा से अधिक है तो पिण्ड टूट (विरूपित) जाता है। बल का विरोध करने के लिए पिण्ड में आंतरिक प्रतिरोधी बल उत्पन्न हो जाते है। यह आंतरिक प्रतिरोधी बल पिण्ड पर लगे बल का विरोध करते है। और आंतरिक प्रतिरोधी बल का मान बाहरी लगाए गए बल के बराबर होता है।
प्रतिबल (Stress) किसे कहते है | प्रतिबल (Stress) की परिभाषा
पिण्ड के एकांक क्षेत्रफल पर कार्य करने वाले आन्तरिक प्रतिरोधी बल को प्रतिबल (Stress) कहते है।
नीचे प्रतिबल को चित्र की सहायता से उदाहरण सहित समझाया गया है-
- चित्र में एक छड़ के दोनों सिरों पर तनाव बल F कार्य कर रहा है तथा संपूर्ण छड़ संतुलन में है।
- छड़ की काट AB पर छड़ को दो भागो X तथा Y में विभाजित कर दिया जाता है।
- अब हम छड़ के X भाग पर ध्यान देते है।
- तनाव बल F हिस्से X के बायीं ओर लग रहा है भाग X संतुलन में है। इसलिए इसकी काट AB पर बाई ओर एक बल P लगेगा। जिसका मान बायीं सिरे पर लग रहे तनाव बल F के बराबर होगा।
- इसी प्रकार छड़ का भाग Y तभी संतुलित रह सकता है जब काट AB पर लगने वाले P का मान दाए सिरे पर लग रहे बल F के बराबर हो।
- इससे स्पष्ट होता है कि जब किसी वस्तु पर वाह्य बल लगाया जाता है तो वस्तु के भीतर आन्तरिक प्रतिरोधी बल उत्पन्न हो जाते है।
- आंतरिक प्रतिरोधी बल का मान लगाए गए वाह्य बल के बराबर होता है इसी कारण-
- किसी वस्तु के एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को प्रतिबल कहते है।
- प्रतिबल का सूत्र= आन्तरिक प्रतिरोधी बल/एकांक क्षेत्रफल होता है। और इसका मात्रक न्यूटन/मीटर2 होता है इसे पास्कल भी कहते है। प्रतिबल का विमीय सूत्र [ML-1T-2] होता है।
प्रतिबल का सूत्र, मात्रक, विमा | Formula, Unit and Dimension of Stress
- प्रतिबल का सूत्र= आन्तरिक प्रतिरोधी बल/एकांक क्षेत्रफल
- प्रतिबल का मात्रक= न्यूटन/मीटर2
अतः प्रतिबल का मात्रक = न्यूटन/मीटर2 अथवा पास्कल
- प्रतिबल की विमा= [ML-1T-2]
प्रतिबल के प्रकार (Types of Stress)
प्रतिबल को मुख्यतः तीन भागो में बांटा जा सकता है-
- तनाव प्रतिबल (Tensile stress) तथा संपीडन प्रतिबल (Compressive stress)
- सीधे प्रतिबल (Direct stress) तथा नमन प्रतिबल (Bending stress)
- कर्तन प्रतिबल (Shear stress) या स्पर्शीय प्रतिबल (Tangential stress)
1.) तनाव प्रतिबल (Tensile stress)
जब किसी वस्तु पर लगने वाला बल वस्तु को खींच कर उसकी लम्बाई बढ़ाने का प्रयास करता है तो वस्तु में उत्पन्न प्रतिबल को तनाव प्रतिबल (Tensile Stress) कहते है। तनाव प्रतिबल को p से प्रदर्शित करते है। तनाव प्रतिबल का मात्रक न्यूटन/मीटर2 अथवा पास्कल होता है।
तनाव अथवा संपीडन प्रतिबल= तनाव अथवा संपीडन बल/ वस्तु का एकांक क्षेत्रफल
B.) संपीडन प्रतिबल (Compressive stress)
जब किसी वस्तु पर लगने वाला बल वस्तु को दबाकर उसकी लम्बाई घटाने का प्रयास करता है तो वस्तु में उत्पन्न प्रतिबल को संपीडन प्रतिबल (Compressive Stress) कहते है। चित्र में बाह्य बाल F तथा वस्तु की काट का क्षेत्रफल A है।
2.) नमन प्रतिबल (Bending Stress)
जब किसी धरन (Beam) पर बाहर से अनुप्रस्थ (Transverse) भार कार्य करता है तो धरन (Beam) के आकार में नमन रूप में परिवर्तन होता है। अतः धरन का झुकाव होता है ऐसी स्थिति में विरूपण (बदलाव) का विरोध करने के लिए वस्तु में उत्पन्न प्रतिबल को नमन प्रतिबल (Bending Stress) कहते है।
सीधा प्रतिबल (Direct stress)
जब किसी वस्तु पर उत्केंद्रित भार (Eccentric load) क्रिया करते हैं तो उसमे नमन प्रतिबल उपजते है। इसके साथ-साथ वस्तु में तनाव तथा संपीडन प्रतिबल भी उपजते है, जिन्हे सीधा प्रतिबल (Direct Stress) कहते है।
3.) कर्तन प्रतिबल (Shear stress) या स्पर्शीय प्रतिबल (Tangential stress)
जब किसी वस्तु पर दो समान, समान्तर तथा विपरीत दिशाओं में लगने वाले बल वस्तु के काट के स्पर्शीय हो तो पिंड का एक भाग दूसरे भाग पर फिसलने (सरकने) को प्रयास करता है। ऐसी स्थिति में वस्तु में उत्पन्न प्रतिबल को कर्तन प्रतिबल या स्पर्शीय प्रतिबल कहते है।
वस्तु पर कार्य करने वाले स्पर्शीय बल तथा कर्तन प्रतिबल दोनो एक ही तल में होते है। कर्तन प्रतिबल का मात्रक N/m² या पास्कल होता है।
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