First Angle Projection and Third Angle Projection Difference in Hindi | प्रथम कोणीय प्रक्षेप तथा तृतीय कोणीय प्रक्षेप में अंतर, परिभाषा, अर्थ, चिन्ह, उदाहरण, चित्र सहित समझें

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इंजीनियरिंग ड्राइंग को समझने के लिए प्रथम कोणीय प्रक्षेप और तृतीय कोणीय प्रक्षेप में अंतर (first angle projection and third angle projection difference in hindi) को जानना बहुत जरूरी है। इसके बारे में इंजीनियरिंग के पहले साल में पढ़ाया जाता है।

इस आर्टिकल में प्रथम कोणीय प्रक्षेप (First Angle Projection) और तृतीय कोणीय प्रक्षेप (Third Angle Projection)की परिभाषा (definition), चिन्ह (symbol), अर्थ व अंतर (difference) को चित्र (figure) की सहायता से आसान भाषा में समझाया गया है।
क्षैतिज तल (Horizontal Plane) को छोटे रूप में H.P. कहते है। ऊर्ध्वाधर तल (Vertical Plane) को छोटे रूप में V.P. कहते है।

first angle projection and third angle projection

Table of Contents

प्रथम कोणीय प्रक्षेप तथा तृतीय कोणीय प्रक्षेप में अंतर | First Angle Projection and Third Angle projection difference in hindi

प्रथम कोणीय प्रक्षेप (First Angle Projection)तृतीय कोणीय प्रक्षेप (Third Angle Projection)
प्रथम कोणीय प्रक्षेप में वस्तु प्रथम चतुर्थांश में रखी होती है। इसका अर्थ है कि वस्तु H.P. (Horizontal Plane) से ऊपर तथा V.P. (Vertical Plane) के सामने होती है।तृतीय कोणीय प्रक्षेप में वस्तु तृतीय चतुर्थांश में रखी होती है। इसका अर्थ है कि वस्तु H.P. (Horizontal Plane) से नीचे तथा V.P. (Vertical Plane) के पीछे होती है।
प्रथम कोणीय प्रक्षेप में X-Y रेखा ही भूमि रेखा (Ground Line) G.L. का काम करती है।तृतीय कोणीय प्रक्षेप में X-Y रेखा से नीचे उचित दूरी पर भूमि रेखा (Ground line) G.L. अलग से खींचनी पड़ती है।
प्रथम कोणीय प्रक्षेप में वस्तु (Object), देखने वाले व्यक्ति (Observer) तथा प्रक्षेप तल (Projection Plane) के बीच में रहती है।तृतीय कोणीय प्रक्षेप में प्रक्षेप तल (Projection Plane), वस्तु (Object) तथा देखने वाले व्यक्ति (Observer) के बीच में होता है।
प्रथम कोणीय प्रक्षेप में वस्तु का दाँया पार्श्व दृश्य (Right Side View), वस्तु के सम्मुख दृश्य (Elevation) के बायीं ओर (Left Side) बनता है।
इसके साथ ही वस्तु का बांया पार्श्व दृश्य (Left Side View), वस्तु के सम्मुख दृश्य (Elevation) के दाँयी ओर (Right Side) बनता है।
तृतीय कोणीय प्रक्षेप में वस्तु का दाँया पार्श्व दृश्य (Right Side View), वस्तु के सम्मुख दृश्य (Elevation) के दांयी ओर (Right Side) बनता है।
इसके साथ ही वस्तु का बांया पार्श्व दृश्य (Left Side View), वस्तु के सम्मुख दृश्य (Elevation) के बांयी ओर (Left Side) बनता है।
प्रथम कोणीय प्रक्षेप के चिन्ह (Symbol) में दांयी ओर दो गोलाकार आकृति तथा बांयी ओर एक चतुर्भजाकार आकृति होती है।
नीचे चित्र में प्रथम कोणीय प्रक्षेप का चिन्ह (Symbol) दिखाया गया है।
तृतीय कोणीय प्रक्षेप के चिन्ह (Symbol) में दांयी ओर एक चतुर्भजाकार आकृति तथा बांयी ओर दो गोलाकार आकृति होती है।
नीचे चित्र में तृतीय कोणीय प्रक्षेप का चिन्ह (Symbol) दिखाया गया है।
first angle projection symbol | third angle projection symbol
First Angle Projection and Third Angle Projection Symbol

प्रथम कोणीय प्रक्षेप की परिभाषा व अर्थ | First Angle Projection Definition and Meaning

प्रथम कोणीय प्रक्षेप में वस्तु प्रथम चतुर्थांश में रखी होती है। इसलिए वस्तु क्षैतिज तल (H.P.) से ऊपर तथा ऊर्ध्वाधर तल (V.P.) के सामने रखी होती है। वस्तु के प्रथम चतुर्थांश में क्षैतिज तल (Horizontal Plane) से ऊपर तथा ऊर्ध्वाधर तल (Vertical Plane) के सामने रखने पर बने चित्रों को प्रथम कोणीय प्रक्षेप (First Angle Projection) कहते हैं। यही प्रथम कोणीय प्रक्षेप (First Angle Projection) की परिभाषा (Definition) भी है।

प्रथम कोणीय प्रक्षेप में चित्र बनना | Formation of Image in First Angle Projection

प्रथम कोणीय प्रक्षेप (First Angle Projection) में वस्तु (Object), देखने वाले व्यक्ति (Observer) और प्रक्षेप तल (Projection Plane) के बीच में रखी होती है। जब व्यक्ति वस्तु को देखता है तो प्रक्षेप तल पर सम्मुख दृश्य (Front View), ऊपरी दृश्य (Top View), दांया पार्श्व दृश्य (Right Side View), बांया पार्श्व दृश्य (Left Side View) जैसे कई दृश्य बनते है। इनको आगे बताया गया है।

first angle projection
प्रथम कोणीय प्रक्षेप में चित्र बनना (Formation of Image in First Angle Projection)

प्रथम कोणीय प्रक्षेप में उत्सेध (Elevation) या सम्मुख दृश्य (Front View)

जब दर्शक (Observer), वस्तु को V.P. के सामने अनंत की दूरी से देखा है तो V.P. पर बने वस्तु के प्रक्षेप (Projection) को उत्सेध (Elevation) या सम्मुख दृश्य (Front View) कहते हैं। सम्मुख दृश्य को उत्सेध, Front View तथा Elevation भी कहते है। ऊपर चित्र में प्रथम कोणीय प्रक्षेप में वस्तु का उत्सेध (Elevation) या सम्मुख दृश्य (Front View) दिखाया गया है।

प्रथम कोणीय प्रक्षेप में वस्तु का उत्सेध (Elevation) या सम्मुख दृश्य (Front View) X-Y रेखा के ऊपर बनता है।

प्रथम कोणीय प्रक्षेप में अनुविक्षेप (Plan) या ऊपरी दृश्य (Top View)

जब दर्शक (Observer) वस्तु को है H.P. से अनंत दूरी ऊपर से देखाता है तो H.P. पर बने प्रक्षेप (Projection) को अनुविक्षेप (Plan) या ऊपरी दृश्य (Top View) कहते हैं। ऊपरी दृश्य को अनुविक्षेप, Top View तथा Plan भी कहते है। ऊपर चित्र में प्रथम कोणीय प्रक्षेप में वस्तु का अनुविक्षेप (Plan) या ऊपरी दृश्य (Top View) दिखाया गया है।

प्रथम कोणीय प्रक्षेप में वस्तु का अनुविक्षेप (Plan) या ऊपरी दृश्य (Top View) X-Y रेखा के नीचे बनता है।

प्रथम कोणीय प्रक्षेप में पार्श्व दृश्य (Side View)

वस्तु को उसके एक पार्श्व (Side) से अनंत दूरी से देखने पर सहायक ऊर्ध्वाधर तल (Auxiliary Vertical Plane) A.V.P. पर प्राप्त प्रक्षेप को पार्श्व दृश्य (Side View) कहते हैं। ऊपर चित्र में वस्तु का बांया पार्श्व दृश्य (Left Side View) दिखाया गया है।
प्रथम कोणीय प्रक्षेप में वस्तु का Right side view और Left side view X-Y रेखा के ऊपर बनता है।

Note: सहायक ऊर्ध्वाधर तल (Auxiliary Vertical Plane) A.V.P. एक ऐसा तल होता है जिसको वस्तु के पार्श्व दृश्य (Side View) को दिखाने के लिए बनाया जाता है।

प्रथम कोणीय प्रक्षेप में वस्तु को दाएं ओर (Right Side) से देखने पर वस्तु का दाँया पार्श्व दृश्य (Right Side View), वस्तु के सम्मुख दृश्य (Elevation) के बायीं ओर (Left Side) बनता है। इसी प्रकार वस्तु को बायीं ओर से देखने पर वस्तु का बांया पार्श्व दृश्य (Left Side View), वस्तु के सम्मुख दृश्य (Elevation) के दाँयी ओर (Right Side) बनता है।

इससे पता चलता है कि प्रथम कोणीय प्रक्षेप में वस्तु को जिस दिशा से देखा जाता है उसके विपरीत दिशा में उसका प्रक्षेप मिलता है। चित्र में प्रथम कोणीय प्रक्षेप में वस्तु के उत्सेध (Elevation), अनुविक्षेप (Plan), पार्श्व दृश्य (Side View) को दिखाया गया है।

प्रथम कोणीय प्रक्षेप में चित्र बनाने की विधि | Method of making Images in First Angle Projection

प्रथम कोणीय प्रक्षेप में चित्र बनाने की विधि में वस्तु का H.P. पर बना शीर्ष दृश्य (Top View) H.P. के Clockwise घूमने के कारण, X-Y रेखा से नीचे बनता है तथा सम्मुख दृश्य (Front View) X-Y रेखा से ऊपर बनता है। वस्तु का दांया पार्श्व दृश्य (Right Side View) उसके सम्मुख दृश्य (Front View) के बराबर में बाई ओर (Left Side) बनता है। तथा वस्तु का बांया पार्श्व दृश्य (Left Side View) उसके सम्मुख दृश्य (Front View) के बराबर में दाएं ओर (Right Side) बनता हैं।

जरुरी इंजीनियरिंग टॉपिक (Important Engineering Topics):-

तृतीय कोणीय प्रक्षेप की परिभाषा व अर्थ | Third Angle Projection Definition and Meaning

तृतीय कोणीय प्रक्षेप में वस्तु तृतीय चतुर्थांश में रखी होती है। इसलिए वस्तु क्षैतिज तल (H.P.) के नीचे तथा ऊर्ध्वाधर तल (V.P.) के पीछे रखी होती है। वस्तु के तृतीय चतुर्थांश में क्षैतिज तल (Horizontal Plane) से नीचे तथा ऊर्ध्वाधर तल (Vertical Plane) के पीछे बने चित्रों को तृतीय कोणीय प्रक्षेप (Third Angle Projection) कहते हैं। यही तृतीय कोणीय प्रक्षेप (Third Angle Projection) की परिभाषा (Definition) भी है।

तृतीय कोणीय प्रक्षेप में चित्र बनना | Formation of Image in Third Angle Projection

तृतीय कोणीय प्रक्षेप (Third Angle Projection) में प्रक्षेप तल (Projection Plane), वस्तु (Object) और देखने वाले व्यक्ति (Observer) के बीच में होता है। जब व्यक्ति, वस्तु को देखता है तो प्रक्षेप तल पर सम्मुख दृश्य (Front View), ऊपरी दृश्य (Top View), दांया पार्श्व दृश्य (Right Side View), बांया पार्श्व दृश्य (Left Side View) जैसे कई दृश्य बनते है। इनको विस्तार से आगे बताया गया है।

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तृतीय कोणीय प्रक्षेप में उत्सेध (Elevation) या सम्मुख दृश्य (Front View)

जब दर्शक (Observer), वस्तु को V.P. के सामने अनंत की दूरी से देखा है तो V.P. पर बने वस्तु के प्रक्षेप (Projection) को उत्सेध (Elevation) या सम्मुख दृश्य (Front View) कहते हैं। सम्मुख दृश्य को उत्सेध, Front View तथा Elevation भी कहते है।

तृतीय कोणीय प्रक्षेप में उत्सेध (Elevation) या सम्मुख दृश्य (Front View) X-Y रेखा के नीचे बनता है।

तृतीय कोणीय प्रक्षेप में अनुविक्षेप (Plan) या ऊपरी दृश्य (Top View)

जब दर्शक (Observer), वस्तु को H.P. से अनंत दूरी ऊपर से देखा है तो H.P. पर बने प्रक्षेप (Projection) को अनुविक्षेप (Plan) या ऊपरी दृश्य (Top View) कहते हैं। ऊपरी दृश्य को अनुविक्षेप, Top View तथा Plan भी कहते है।

तृतीय कोणीय प्रक्षेप में वस्तु का अनुविक्षेप (Plan) या ऊपरी दृश्य (Top View) X-Y रेखा के ऊपर बनता है।

तृतीय कोणीय प्रक्षेप में पार्श्व दृश्य (Side View)

वस्तु को उसके एक पार्श्व (Side) से अनंत दूरी से देखने पर सहायक ऊर्ध्वाधर तल (Auxiliary Vertical Plane) A.V.P. पर प्राप्त प्रक्षेप को पार्श्व दृश्य (Side View) कहते हैं।

तृतीय कोणीय प्रक्षेप में वस्तु का पार्श्व दृश्य (Side View) X-Y रेखा के नीचे बनता है।

तृतीय कोणीय प्रक्षेप में वस्तु को दाएं ओर (Right Side) से देखने पर वस्तु का दाँया पार्श्व दृश्य (Right Side View), वस्तु के सम्मुख दृश्य (Elevation) के दाई ओर (Right Side) बनता है। इसी प्रकार वस्तु को बायीं और से देखने पर वस्तु का बांया पार्श्व दृश्य (Left Side View), वस्तु के सम्मुख दृश्य (Elevation) के बांयी ओर (Left Side) बनता है।

इससे पता चलता है कि प्रथम कोणीय प्रक्षेप में वस्तु को जिस दिशा से देखा जाता है उसके उसी दिशा में उसका पार्श्व प्रक्षेप (Side View) मिलता है। चित्र में तृतीय कोणीय प्रक्षेप में वस्तु के उत्सेध (Elevation), अनुविक्षेप (Plan), पार्श्व दृश्य (Side View) को दिखाया गया है।

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तृतीय कोणीय प्रक्षेप में चित्र बनाने की विधि | Method of making Images in Third Angle Projection

तृतीय कोणीय प्रक्षेप में चित्र बनाने की विधि में वस्तु का H.P. पर बना शीर्ष दृश्य (Top View) H.P. के Clockwise घूमने के कारण, X-Y रेखा से ऊपर बनता है तथा सम्मुख दृश्य (Front View) X-Y रेखा के नीचे बनता है। वस्तु का दांया पार्श्व दृश्य (Right Side View) उसके सम्मुख दृश्य (Front View) के बराबर में दांयी ओर (Right Side) बनता है। तथा वस्तु का बांया पार्श्व दृश्य (Left Side View) उसके सम्मुख दृश्य के बराबर में बांयी ओर (Left Side) बनता हैं।

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