गुणोत्तर श्रेणी किसे कहते हैं, परिभाषा, गुणोत्तर श्रेणी के सूत्र, योग, सवाल, गुणोत्तर माध्य को उदाहरण सहित समझें

Share with friends

गणित में समांतर श्रेणी के बाद गुणोत्तर श्रेणी आती है। गुणोत्तर श्रेणी भी समांतर श्रेणी की तरह अत्यंत महत्त्वपूर्ण है जिससे कई सारे सवाल पूछे परीक्षा में पूछे जाते है। गुणोत्तर श्रेणी के सवाल समांतर श्रेणी से भिन्न होते है लेकिन सवालों को हल करने का तरीका कुछ एक जैसा होता है।

इस आर्टिकल में गुणोत्तर श्रेणी किसे कहते है, गुणोत्तर श्रेणी की परिभाषा, गुणोत्तर श्रेणी के सूत्र, योगफल, गुणोत्तर श्रेणी के सवाल, गुणोत्तर माध्य को सरल तरीके से समझाया गया है। इससे पहले आर्टिकल में हमने समांतर श्रेणी तथा श्रेणी को बेहतरीन ढंग से समझाया है।

समान्तर श्रेणी को समझने के लिए नीचे Click करें-

Table of Contents

गुणोत्तर श्रेणी (Geometric Progression) | गुणोत्तर श्रेणी किसे कहते है

वह श्रेणी जिसका अगला पद एक निश्चित संख्या के गुणा या भाग करने से प्राप्त होते है, उसे गुणोत्तर श्रेणी कहते है। इस निश्चित संख्या को सार्वअनुपात (Common Ratio) कहते है।

अथवा

वह श्रेणी जिसके दो क्रमागत पदों का अनुपात बराबर (स्थिर) होता है, उसे गुणोत्तर श्रेणी कहते है। यही गुणोत्तर श्रेणी की परिभाषा भी कहलाती है। गुणोत्तर श्रेणी meaning in english Geometric Progression होता है। इसे शार्ट में G.P. भी कहते है।

गुणोत्तर श्रेणी के पहले पद को a से प्रदर्शित करते है। इस श्रेणी के दो क्रमागत पदों का अनुपात सार्व अनुपात कहलाता है। सार्व अनुपात (Common Ratio) को r से प्रदर्शित करते है।

गुणोत्तर श्रेणी के उदाहरण

1.) गुणोत्तर श्रेणी का मानक रूप का उदाहरण
a, ar, ar², ar³, …….

ऊपर दी गई गुणोत्तर श्रेणी में पहला पद a है। दो क्रमागत पदों का अनुपात = ar/a= r है। अतः सार्व अनुपात (common ratio) r है। इस प्रकार समांतर श्रेणी के पद सूत्र Tn = a r (n-1) से-
पहला पद a = ar (1-1) है।
दूसरा पद a2= ar (2-1)= ar
तीसरा पद a3 = ar (3-1) ar² है। इसी प्रकार अन्य पद भी ले सकते है।
सार्व अनुपात = r

2.) उदाहरण: 5, 10, 20, 40, 80, ……..

ऊपर गुणोत्तर श्रेणी में पहला पद a=5 है। दो क्रमागत पदों का अनुपात (r)= 10/5 = 2 है। अतः सार्व अनुपात (common ratio) r=2 है। इस प्रकार-
पहला पद a = 5
दूसरा पद a2= 10
तीसरा पद a3 = 20 इसी प्रकार अन्य पद होते है।
सार्व अनुपात (r) = 2

3.) उदाहरण 0.01, 0.0001, 0.000001, ……

यह भी गुणोत्तर श्रेणी का उदाहरण है। इसका सार्व अनुपात 0.0001/0.01 = 0.01 आता है। जो आगे भी समान है।

4.) उदाहरण: 1, 3, 9, 27, 81, ……..

ऊपर दी गई गुणोत्तर श्रेणी में पहला पद (a) 1 है। दो क्रमागत पदों का अनुपात (r)= 3/1 = 3 है। अतः सार्व अनुपात (common ratio) r=3 है। इस प्रकार-
पहला पद a = 1
दूसरा पद a2= 3
तीसरा पद a3 = 9 इसी प्रकार अन्य पद होते है।
सार्व अनुपात (r) = 3

गुणोत्तर श्रेणी Geometric progression

गुणोत्तर श्रेणी के चिन्ह

गुणोत्तर श्रेणी के सूत्र में विभिन्न पदों को निम्न चिन्हों से प्रदर्शित करते है-

  • गुणोत्तर श्रेणी का पहला पद को = a
  • गुणोत्तर श्रेणी का सार्वअनुपात = r
  • गुणोत्तर श्रेणी का अन्तिम पद = l
  • गुणोत्तर श्रेणी में पदों की संख्या = n
  • गुणोत्तर श्रेणी में n वें पद = Tn
  • गुणोत्तर श्रेणी में n पदों का योग= Sn

गुणोत्तर श्रेणी को शॉर्ट में G.P. कहते है जिसकों english में पूर्ण रूप Geometric Progression होता है।

गुणोत्तर श्रेणी का सूत्र | गुणोत्तर सूत्र

गुणोत्तर श्रेणी के सवालों को हल करने के लिए इनके सूत्रों को अच्छी तरह से याद करना चाहिए। नीचे गुणोत्तर श्रेणी के सूत्र दिए गए है, जो सवालों को हल करने तथा परीक्षा की दृष्टि से बहुत जरुरी है।

माना, गुणोत्तर श्रेणी का प्रथम पद a, अंतिम पद L, सार्वअनुपात r हो तो-

गुणोत्तर श्रेणी का n वाँ पद – सूत्र 1

समांतर श्रेणी का n वाँ पद (Tn) =

Tn = a r (n-1)

गुणोत्तर श्रेणी का अंत से n वाँ पद | गुणोत्तर श्रेणी का सूत्र 2

गुणोत्तर श्रेणी का अंत से n वाँ पद (Tnl) =

$$\boldsymbol T\boldsymbol n\boldsymbol l\boldsymbol\;\boldsymbol=\boldsymbol\;\frac{\mathbf L}{\mathbf r^{\boldsymbol(\mathbf n\boldsymbol-\mathbf1\boldsymbol)}}$$

गुणोत्तर श्रेणी का योग | गुणोत्तर श्रेणी के योग का सूत्र 3

गुणोत्तर श्रेणी में n पदों का योग (Sn) निकालने के लिए दो सूत्रों का प्रयोग किया जाता है जिसकी दो शर्ते है।

शर्त 1: जब सार्व अनुपात (r) 1 से अधिक हो-

गुणोत्तर श्रेणी में n पदों का योगफल (r > 1)=

$$\boldsymbol(\boldsymbol r\boldsymbol>\mathbf1\boldsymbol)\boldsymbol\;\boldsymbol S\boldsymbol n\boldsymbol=\boldsymbol\;\frac{\mathbf a\boldsymbol\;\boldsymbol(\mathbf r^{\mathbf n}\boldsymbol-\mathbf1\boldsymbol)}{\boldsymbol(\mathbf r\boldsymbol-\mathbf1\boldsymbol)}$$

शर्त 2: जब सार्व अनुपात (r) 1 से कम या बराबर हो-

गुणोत्तर श्रेणी में n पदों का योगफल (r=1) या (r<1) =

$$r\boldsymbol\;\boldsymbol(\boldsymbol r\boldsymbol=\mathbf1\boldsymbol)\boldsymbol\;\boldsymbol S\boldsymbol n\boldsymbol=\boldsymbol\;\frac{\mathbf a\boldsymbol(\mathbf1\boldsymbol-\mathbf r^{\mathbf n}\boldsymbol)}{\boldsymbol(\mathbf1\boldsymbol-\mathbf r\boldsymbol)}$$

गुणोत्तर श्रेणी के पदों का योग जब अंतिम पद ज्ञात हो | गुणोत्तर श्रेणी का सूत्र 4

गुणोत्तर श्रेणी के कुछ प्रश्नों में केवल बिना पदों की संख्या दिए गुणोत्तर श्रेणी के पदों का योग ज्ञात करना होता है। इस स्थिति में अंतिम पद (L) की मदद से श्रेणी का योगफल ज्ञात किया जाता है-

n पदों का योगफल जब अंतिम पद ज्ञात हो और (r > 1)=

$$\boldsymbol(\boldsymbol r\boldsymbol>\mathbf1\boldsymbol)\boldsymbol\;\boldsymbol S\boldsymbol n\boldsymbol=\boldsymbol\;\frac{\boldsymbol(\mathbf L\mathbf r\boldsymbol-\mathbf a\boldsymbol)}{\boldsymbol(\mathbf r\boldsymbol-\mathbf1\boldsymbol)}$$

n पदों का योगफल जब अंतिम पद ज्ञात हो और (r < 1)=

$$\boldsymbol(\boldsymbol r\boldsymbol<\mathbf1\boldsymbol)\boldsymbol\;\boldsymbol S\boldsymbol n\boldsymbol=\boldsymbol\;\frac{\boldsymbol(\mathbf a\boldsymbol-\mathbf L\mathbf r\boldsymbol)}{\boldsymbol(\mathbf1\boldsymbol-\mathbf r\boldsymbol)}$$

अनंत गुणोत्तर श्रेणी | Infinite Geometric Progression

वह गुणोत्तर श्रेणी जिसके पदों की संख्या अनंत होती है उसे अनंत गुणोत्तर श्रेणी कहते है।

उदाहरण: 7, 14, 28, 56, 112, 224, 448, ……∞ एक अनंत गुणोत्तर श्रेणी है।
इसका सार्वअनुपात (r) 14/7= 2 तथा प्रथम पद (a) = 7 है।

अनंत पदों की गुणोत्तर श्रेणी का योगफल | सूत्र 6

जब सार्वअनुपात (r) तो अनंत गुणोत्तर श्रेणी का योगफल=

$${\boldsymbol S}_\boldsymbol\infty\boldsymbol=\boldsymbol\;\frac{\mathbf a}{\mathbf1\boldsymbol-\mathbf r}$$

गुणोत्तर श्रेणी की विशेषताएं

  • गुणोत्तर श्रेणी में विषम पदों की संख्या …., ar3, ar2, ar, a, a/r, a/r2, a/r3,…. प्रकार से ली जाती है।
  • गुणोत्तर श्रेणी के सम पदों की संख्या …., ar5, ar3, ar, a/r, a/r3, a/r5, …. प्रकार से ली जाती है।
  • यदि गुणोत्तर श्रेणी में तीन क्रमागत पद (संख्याएं) मानने हो जिनका योग दिया गया हो तो वह संख्याएं a/r, a, ar मानना चाहिए।
  • दिए गए योग के लिए चार क्रमागत संख्याएं a/r3, a/r, ar, ar3 माननी चाहिए।
  • दिए गए योग के लिए पांच लगातार संख्याएं a/r2, a/r, a, ar, ar2 माननी चाहिए।
  • यदि गुणोत्तर श्रेणी में पदों का गुणनफल न दिया हो तो इसके पदों को a, ar, ar2, ar3, ….. प्रकार से लेना चाहिए।

इस प्रकार गुणोत्तर श्रेणी में विभिन्न पदों को लिया जाता है और यही गुणोत्तर श्रेणी की विशेषताएं है।

गुणोत्तर श्रेणी के सवाल

Q. गुणोत्तर श्रेणी 9, 3, 1, 1/3, 1/9, …… का 10 वाँ पद क्या होगा?

A. पहला पद (a)= 9
सार्वअनुपात (r) = 3/9 = 1/3

गुणोत्तर श्रेणी का n वाँ पद: Tn = a r(n-1)

गुणोत्तर श्रेणी का 10 वाँ पद: Tn = $$Tn=\;9\;\times\;\left(\frac13\right)^{10-1}$$
$$T10=\;9\;\times\;\left(\frac13\right)^9$$
$$T10=\;9\;\times\;\left(\frac1{19683}\right)$$
$$T10=\left(\frac1{2187}\right)$$
(T10) = 1/2187
गुणोत्तर श्रेणी का 10 वाँ पद 1/2187 होगा।

Q. गुणोत्तर श्रेणी 20, 40, 80, 160, 320, …… का 13 वाँ पद क्या होगा?

A. पहला पद (a)= 20
सार्वअनुपात (r) = 40/ 20= 2

गुणोत्तर श्रेणी का n वाँ पद: Tn = a r(n-1)

गुणोत्तर श्रेणी का 13 वाँ पद: T13 = 20 × 2(13-1)
T13 = 20 × 212
T13 = 20 × 212
T13 = 20 × 4096
T13 = 8192

गुणोत्तर श्रेणी का 13 वाँ पद 8192 होगा।

Q. उस गुणोत्तर श्रेणी का अंत से 8 वाँ पद ज्ञात करे जिसका अंतिम पद 2560 तथा सार्वअनुपात 2 हो।

A. पहला पद (a)= ?
सार्वअनुपात (r) = 2
अंतिम पद (L) = 2560
अंत से 8 वाँ पद ज्ञात करना है।

गुणोत्तर श्रेणी का अंत से n वाँ पद (Tnl) = $$\mathrm{Tnl}\;=\;\frac{\mathrm L}{\mathrm r^{(\mathrm n-1)}}$$

गुणोत्तर श्रेणी का अंत से 8 वाँ पद (T8) = $${\mathrm T}_8\;=\;\frac{2560}{2^{(8-1)}}$$ $${\mathrm T}_8\;=\;\frac{2560}{2^7}$$
$${\mathrm T}_8\;=\;\frac{2560}{128}$$
T8 = 20

इस प्रकार गुणोत्तर श्रेणी का अंत से 8 पद 20 होगा।

गुणोत्तर माध्य (Geometric Mean)

यदि तीन संख्या a, x, b गुणोत्तर श्रेणी में हो, तो x को संख्या a व b का गुणोत्तर माध्य (Geometric Mean) कहते है। इसे G.M. से प्रदर्शित करते हैं। इसे निम्न प्रकार भी समझा जा सकता है।

अथवा

यदि दो संख्याओं a व b के बीच ऐसे संख्या x ली जाए जिससे तीनों संख्याएं गुणोत्तर श्रेणी में व्यवस्थित हो जाए तो संख्या x को संख्या a व b का गुणोत्तर माध्य (Geometric Mean) कहते है।

गुणोत्तर माध्य का सूत्र

गुणोत्तर माध्य x= √ab
या
x2= ab

सूत्र में a व b संख्याएं है तथा x गुणोत्तर माध्य है।

गुणोत्तर माध्य का उदाहरण

Q. संख्या 16 और 64 के बीच गुणोत्तर माध्य क्या होगा?

संख्या 16 और 64 के बीच गुणोत्तर माध्य=

गुणोत्तर माध्य x= √ab
G.M. (x) = √16×64
G.M. = √1024

गुणोत्तर माध्य (A.M.) = 32

इस प्रकार तीनों को एक साथ लिखने पर संख्या 16, 32, 64 प्राप्त होती है जो एक गुणोत्तर श्रेणी है। इस प्रकार यह पता चलता है कि दो संख्याओं का गुणोत्तर माध्य निकालने पर तीनों संख्याए गुणोत्तर श्रेणी में व्यवस्थित हो जाती है।

Join us now

Video- Gagan Pratap Maths

If Any Problem, Please mail us: studyvigyan@gmail.com

Latest Posts:


Share with friends

Leave a comment