विकृति ऊर्जा (Strain Energy) पदार्थ के अंदर इकट्ठा की गयी ऊर्जा होती है। विकृति ऊर्जा प्रतिबल तथा विकृति से सम्बंधित एक महत्वपूर्ण टॉपिक है जिसके सवाल कक्षा 10 से लेकर इंजीनियरिंग परीक्षा में भी पूछे जाते है। विकृति ऊर्जा को अंग्रेजी में Strain Energy कहते है। इसका अर्थ किसी पदार्थ में एकत्र की गयी ऊर्जा होती है। इसे Resilience भी कहा जाता है।
इस आर्टिकल में हम विकृति ऊर्जा की परिभाषा, अर्थ, सूत्र, सूत्र का निगमन, मात्रक, विमा को जानेंगे। इसके साथ प्रमाण विकृति ऊर्जा (Proof Resilience), प्रमाण प्रतिबल (Proof Stress), विकृति ऊर्जा गुणांक (Modulus of Resilience) को प्रश्न की सहायता से समझाया गया है।
विकृति ऊर्जा (Strain Energy or Resilience)
किसी पदार्थ में विकृति में रूप में एकत्र हुई कार्य या ऊर्जा को विकृति ऊर्जा (Strain Energy) कहते है। यही विकृति ऊर्जा की परिभाषा भी है। विकृति ऊर्जा को अंग्रेजी में Strain Energy तथा Resilience कहते है। इसे U से प्रदर्शित करते है।
प्रमाण विकृति ऊर्जा (Proof Resilience)
किसी पदार्थ में बिना स्थायी विकृति उत्पन्न किये, प्रत्यास्थता सीमा के अंदर किसी पदार्थ के टुकड़े में इक्कठी की जाने वाली अधिकतम ऊर्जा को प्रमाण विकृति ऊर्जा कहते है। यही प्रमाण विकृति ऊर्जा की परिभाषा है। प्रमाण विकृति ऊर्जा को अंग्रेजी में Proof Resilience कहते है।
विकृति ऊर्जा का सूत्र (Strain Energy Formula)
U = (P² × Volume) ÷ (2 E)
$$\mathrm U=\frac{\mathrm P^2}{2\;\mathrm E}\times\;\mathrm{Volume}$$
यँहा-
- U= विकृति ऊर्जा (Strain Energy) या Resilience
- P= प्रतिबल (Stress)
- E= यंग मापांक (Young’s Modulus)
- Volume (V)= पदार्थ का आयतन
विकृति ऊर्जा का मात्रक = न्यूटन-मीटर या जूल
विकृति ऊर्जा की विमा = M L2 T-2
विकृति ऊर्जा सूत्र का निगमन (Strain Energy Formula Derivation)
माना, l लंबाई तथा A अनुप्रस्थ काट की छड़ पर भार लगाया जाता है तो छड़ का विरूपण हो जाता है। इसके साथ-साथ छड़ में प्रतिरोध के रूप में प्रतिबल भी उपजता है।
- ∆l= भार लगाने पर छड़ की लंबाई में परिर्वतन
- P= छड़ में उत्पन्न प्रतिबल
- F= छड़ का कुल प्रतिरोधी बल= P × A
- E= छड़ का पदार्थ का यंग मापांक
प्रत्यास्थ सीमा के भीतर छड़ में विकृति (Strain)- e = ∆l/l = P/E
∆l= (P×l) / E
$$\mathrm e=\frac{\triangle\mathrm l}{\mathrm l}=\;\frac{\mathrm P}{\mathrm E}$$
$$\triangle l=\frac{P\times L}E….(1)$$
जब l लम्बाई की छड़ पर F बल लगाया जाता है तो लगाए बल और उसकी लम्बाई में परिवर्तन का ग्राफ प्राप्त होता है।
इस स्थिति में ऊपर दिए ग्राफ से पता चलता है किया गया कार्य या विकृति ऊर्जा ग्राफ के क्षेत्रफल के बराबर होगा। प्राप्त ग्राफ त्रिभुज के आकार में है।
विकृति ऊर्जा = ग्राफ का क्षेत्रफल = त्रिभुज का क्षेत्रफल
विकृति ऊर्जा = $$Strain\;Energy=\frac12\times Base\times Height$$
$$U=\frac12\times\mathrm{OB}\times\mathrm{AB}$$
$$U=\frac12\times\triangle l\times F$$
ऊपर समीकरण 1 से ∆l का मान रखने पर-
$$U=\frac12\times\frac{P\times L}E\times F$$
हम जानते है प्रतिबल P= F/A होता है अतः F=P×A प्राप्त होगा इसे रखने पर-
$$U=\frac12\times\frac{P\times L}E\times P\times A$$
$$\mathrm U=\frac{\mathrm P^2}{2\;\mathrm E}\times(\mathrm A\times\mathrm L)$$
छड़ का आयतन V = A × L रखने पर-
$$\mathrm U=\frac{\mathrm P^2}{2\;\mathrm E}\times\mathrm{Volume}$$
यह सूत्र ही विकृति ऊर्जा (Resilience) का सूत्र है और इसका निगमन (Derivation) भी पूरा होता है।
विकृति ऊर्जा गुणांक (Modulus of Resilience)
किसी पदार्थ में बिना स्थायी विकृति उत्पन्न किये, प्रत्यास्थता सीमा के अंदर किसी पदार्थ के टुकड़े के इकाई आयतन में इकट्ठी की जा सकने वाली अधिकतम विकृति ऊर्जा को विकृति ऊर्जा गुणांक कहते है। विकृति ऊर्जा गुणांक को अंग्रेजी में Modulus of Resilience कहते है।
किसी पदार्थ के इकाई आयतन में एकत्र हुई प्रमाण विकृति ऊर्जा उसका विकृति ऊर्जा गुणांक (Modulus of Resilience) कहलाता है। यह इसकी परिभाषा भी है। विकृति ऊर्जा गुणांक पदार्थ का एक गुण होता है।
$$\mathrm{Modulus}\;\mathrm{of}\;\mathrm{Resilience}=\frac{\mathrm P^2}{2\;\mathrm E}$$
प्रमाण प्रतिबल (Proof Stress)
प्रमाण विकृति ऊर्जा की स्थिति में पदार्थ में उत्पन्न प्रतिबल, प्रमाण प्रतिबल कहलाता है। प्रमाण या प्रूफ प्रतिबल पदार्थ में प्रत्यास्थ सीमा के समय उत्पन्न प्रतिबल के बराबर होता है।
चित्र में दिए ग्राफ में बिंदु P’ पर प्रतिबल अधिकतम है इसलिए यहां प्रतिबल को प्रमाण प्रतिबल (Proof Stress) कहते है।
Important- प्रतिबल (Stress) को परिभाषा, उदाहरण, चित्र सहित बेहतरीन ढंग से जानें
Strain Energy Questions (Numericals)
Q.1 एक 4 cm² अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल की छड़ की लम्बाई 5 मीटर है। इस छड़ पर 100 kN का भार धीरे-धीरे लगाया जाता है। इस स्थिति में छड़ में एकत्र विकृति ऊर्जा तथा छड़ की लम्बाई में परिवर्तन ज्ञात कीजिये। यदि छड़ की प्रत्यास्थ सीमा 150 N/mm² हो तो छड़ में प्रमाण विकृति ऊर्जा ज्ञात कीजिये। (E= 2×105 N/mm²)
Area= 4 cm2 or 400 mm2
L= 5 meter = 5000 mm
V= A×l= 400 × 5000= 2000000 mm3
F= 100 kN = 100000 N
E= 2×105 N/mm2
P(max)= 150 N/mm²
छड़ में प्रतिबल (P)= F/A = 100000/400= 250 N/mm2
छड़ में विकृति ऊर्जा (U) = (P² × Volume) ÷ (2 E)
U= (2502 × 2000000) ÷ (2 × 2 × 105)
U= (62500 × 2000000) ÷ (400000)
U= 312.5 × 103 N-mm = 312.5 N-m
छड़ की लम्बाई में परिवर्तन (∆l)= (P×l) / E
∆l= (250 × 5000) / 2×105
∆l= 6.25 mm
छड़ में प्रमाण विकृति ऊर्जा (Umax)= (P2max × Volume) ÷ (2 E)
Umax= (1502 × 2×106) ÷ (2 × 2 × 105)
Umax= (45 ×109) ÷ (4 × 105)
Umax= 11.25 × 104 N-mm = 112500 N-mm
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धीरे-धीरे भार लगाने तथा एकदम या इम्पैक्ट के साथ बल लगाने से विकृति ऊर्जा में परिवर्तन आता है।
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